हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,यमन के सना की आपराधिक अदालत ने इन 17 लोगों को सार्वजनिक रूप से फायरिंग दस्ते द्वारा मौत की सजा देने का आदेश जारी किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, कथित जासूसी नेटवर्क के मामले सना की आपराधिक अदालत की दो शाखाओं में सुने गए, और सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अंतिम फैसला सुनाया। अदालत के अनुसार, इस नेटवर्क की गतिविधियाँ 2024 से 2025 के दौरान हुईं।
यमन की आधिकारिक समाचार एजेंसी सबा ने शनिवार रात बताया कि पहली सुनवाई में, जिसकी अध्यक्षता जज याह्या अल-मंसूर कर रहे थे, अदालत ने दस आरोपियों को दोषी ठहराते हुए फैसला सुनाया कि उन्हें सजा के तौर पर सार्वजनिक रूप से गोली मारकर मौत दी जाए। इसी मामले में दो अन्य लोगों, हुदा अली सालेह और अब्दुल्ला अब्दुल्ला नासिर को दस साल जेल की सजा सुनाई गई।
एजेंसी के मुताबिक, दूसरी सुनवाई की अध्यक्षता कर रहे जज रबी अल जुबैर ने सात अन्य लोगों को सार्वजनिक रूप से गोली मारकर मौत की सजा सुनाई, जबकि एक आरोपी अली दगशिर मुतह्हर को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया हैं।
अदालती फैसले में कहा गया कि दोषी विदेशी गुप्त एजेंसियों के अधिकारियों के संपर्क में थे और उन्होंने उनसे गुप्त संचार उपकरण, एन्क्रिप्टेड सिस्टम, जीपीएस प्रोग्राम और गुप्त कैमरे प्राप्त किए थे। इसके अलावा, आरोपियों ने सैन्य और सुरक्षा हस्तियों की आवाजाही, सैन्य केंद्रों, मिसाइल सिस्टम, हथियारों के डिपो और सुरक्षा सुविधाओं की जानकारी भी एकत्र की।
अदालत के मुताबिक, ये लोग कुछ मौकों पर नए एजेंटों की भर्ती और जासूसी उपकरण लगाने में भी शामिल थे। फैसले में यह भी कहा गया कि इन आरोपियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कई सैन्य, सुरक्षा और नागरिक लक्ष्यों पर हमले किए गए, जिनमें दर्जनों लोग शहीद हुए और विभिन्न महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचों को भारी नुकसान पहुँचा हैं।
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